|
उद्देश्य
पंजीकृत निर्माण श्रमिको‚ जिनकी आयु 60 वर्ष हो गई है और जिनका वार्षिक अंशदान अद्यदतन जमा हो‚ को एक निश्चित धनराशि पेंशन के रूपमें उपलब्ध कराया जाना है। अतः लाभार्थी की नियमित आया में हो रही क्षति की प्रतिपूर्ति करने तथा उसकी आजीविका के सुगम संचालन की दृष्टि से इस योजना की सकंल्पना की गयी है।
|
पात्रता
- भवन एवं अन्य सन्निर्माण कर्मकार अधिनियम–1996 के अंतर्गत लाभार्थी के रूप मे पंजीकृत होना।
- 60 वर्ष की आयु पूर्ण करना एवं तत्समय न्यूनतम तीन वर्ष तक लाभार्थी के रूप में पंजीकृत एवं अद्यकतन अंशदान दिया जाएगा।
- किसी अन्य बोर्ड या पेंशन योजना का सदस्य न होना एवं आयु पूर्ण करते समय उत्तर प्रदेश में स्थायी रूप से निवास करना।
हितलाभ
प्रत्येक पात्र निर्माण–श्रमिक को प्रतिमाह की दर से रु़ 1000⁄– की धनराशि उसके जीवित रहने तक उसे स्वयं और उसकी मृत्यु के पश्चात प्रथमतः उसकी पत्नी⁄पति कों या द्वितीयतः उसके आश्रित‚ माता⁄पिता को‚ यदि वह किसी पेंशन योजना के अन्तर्गत यह धनराशि पेंशन के रूप में देय होगी। पेंशन की धनराशि का भुगतान लाभार्थी के बैक–खाते के माध्यम से किया जाएगा। एक वर्ष के पश्चात ऐसे निर्माण श्रमिक को या उसकी मृत्यु के पश्चात उसके आश्रित को पंजीयन अधिकारी के समक्ष उपस्थित होकर अपने जीवित होने का प्रमाण पत्र प्रस्तुत करना होगा।
आवेदन-प्रक्रिया
- ’’लाभार्थी’’पंजीकृत निर्माण श्रमिक 60 वर्ष आयु पूर्ण करने के 03 माह पूर्व अपने स्थायी निवास के जनपद में अपना आवेदन/पेंशन प्रार्थना-पत्र स्थानीय श्रम कार्यालय/तहसील/विकास खण्ड में प्रस्तुत कर सकेगा परन्तु यदि उसके उपरान्त भी आवेदन करता है तो विलम्ब से छूट देने का अधिकार स्वीकृतिकर्ता समिति को होगा।
- यदि प्रस्तुत प्रार्थना-पत्र जिला श्रम कार्यालय के अतिरिक्त अन्य किसी कार्यालय में प्रस्तुत किया जाता है तो वह कार्यालय प्रप्त सभी प्रार्थना-पत्रों को तिथिवार संकलित करेगा और प्रत्येक माह की 05 तारीख तक जिला श्रम कार्यालय को उपलब्ध कराएगा।
- जिला श्रम कार्यालय समस्त प्रार्थना-पत्रों को संकलित करेगा और उन्हें स्वीकृति हेतु समिति के समक्ष प्रस्तुत करेगा।
- आवेदन के साथ पहचान की फोटोप्रति ,बैंक पासबुक की फोटोप्रति, स्थायी निवास की प्रमाणित फोटोप्रति, इस आशय का शपथ- पत्र कि वह किसी अन्य योजना/ सरकार से कोई पेंशन प्रप्त नहीं कर रहा है। बैंक खाता एकल लाभार्थी के नाम होगा और धनराशि का आहरण चेकबुक से न होकर पर्ची से होगी।
पेंशन स्वीकार किये जाने की प्रक्रिया
- जनपद स्तर पर पेंशन प्रर्थना -पत्र को स्वीकार करने के लिए एक समिति निम्नवत होगी
- जिलाधिकारी/मुख्य विकास अधिकारी - अध्यक्ष
- अपर/उप /सहायक श्रमायुकत - सदस्य सचिव
- जिला समाज कल्याण अधिकारी - सदस्य
- समिति प्रति 03 माह पर बैठक करेगी और उक्त के दौर प्राप्त प्रार्थना-पत्रों पर निर्णय करेगी।
- सदस्य सचिव का यह दायित्व है कि समिति द्वारा लिए गये निर्णय को क्रमबद्ध करते हुए प्राप्त आवेदन पत्रों की एक प्रति अन्य सभी अभिलेखों सहित बोर्ड कार्यालय को उपलब्ध कराएगें।
- पेंशन भुगतान प्रत्येक माह किया जायेगा।
- लाभार्थी श्रमिक का यह दायित्व होगा कि वह प्रत्येक वर्ष माह अप्रैल में अपने जीवित होने का प्रमाण जिला श्रम कार्यालय को प्रस्तुत करें। यह जीवित प्रमाण-पत्र किसी भी राजपत्रित अधिकारी द्वारा दिया जा सकता है।
- ऐसे सभी प्राप्त जीविता प्रमाण-पत्र सदस्य सचिव मई के प्रथम सप्ताह में बोर्ड कार्यालय को उपलब्ध कारायेंगे।
- यदि लाभार्थी श्रमिक की मृत्यु हो जाती है तो पारिवारिक पेन्शन के रूप में उसके पति/पत्नी को उक्त पेंशन की धनराशि स्वीकृत की जा सकती है। शर्तं यह होगाी कि वह पात्रता की शर्त संख्या 04 पूर्ण करता /करती हो और उत्तर प्रदेश का मूल निवासी बना रहता हो, परन्तु यह भी कि पारिवारिक पेंशन रू0 1000.00(रु0 एक हजार मात्र) प्रतिमाह से अधिक नहीं होगी।
- यदि लाभार्थी की मृत्यु हो जाती है और जानकारी के अभाव में पेंषन की अगली किष्त का भुगतान हो जाता है तो उसके आश्रितों से उक्त की वसूली की जाएगी।
- यदि पति-पत्नी दोनों पंजीकृत श्रमिक हैं और दोनो पेंशन योजना का लाभ प्राप्त कर रहे हैं तो एक की मृत्यु के बाद दूसरे को मात्र अपनी पेंशन का लाभ देय होगा।
पेंशन की धनराशि
प्रत्येक पात्र लाभार्थी/निर्माण-श्रमिक को प्रतिमाह की दर से रू0-1000/-(रु0 एक हजार मात्र) की धनराशि उसके जीवित रहने तक उसे स्वयं और उसकी मृत्यु के पश्चात् उसकी पत्नी/पति (जैसी भी स्थिति हो)देय होगी। अगले वर्ष की पेंशन में रू0-50.00(पचास रूपये मात्र) प्रति दो वर्ष की दर से अधिकतम रू0-1250/-(रु0 बारह सौ पचास मात्र) प्रतिमाह की दर से वृद्धि करते हुऐ भुगतान किया जायेगा।
पारिवारिक पेंशन के रूप में पेंशन प्रप्तकर्ता के प्रति/पत्नी को रूपये 1000/-(रु0 एक हजार मात्र) की पेंशन अनुमन्य होगी।
|
अधिसूचना
|